चंडीगढ़ 28 अप्रैल (हरबंस सिंह)

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की शिक्षा और कृषि क्षेत्र में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने की दृढ़ प्रतिबद्धता के तहत राज्य के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज ऐलान किया कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू), लुधियाना को वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य सरकार से 40 करोड़ रुपये की पूंजी ग्रांट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पहले ही वित्तीय वर्ष 2024-25 में 20 करोड़ रुपये की पूंजी ग्रांट के साथ कृषि अनुसंधान और अकादमिक बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने के लिए पीएयू के प्रयासों को अपेक्षित प्रोत्साहन दिया गया है।

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने यह ऐलान पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित किए गए ‘एग्रो प्रोसेसिंग कॉम्प्लेक्स’ का उद्घाटन करने के अवसर पर किया, जो कि 46 लाख रुपये की मशीनरी से लैस अत्याधुनिक कॉम्प्लेक्स है। उन्होंने इस मौके पर 2 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले उच्च स्तरीय प्रोजेक्ट ‘प्लांट एक्लीमेटाइजेशन फैसिलिटी’ और जीन बैंक का नींव पत्थर भी रखा।

इस मौके पर वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि ‘एग्रो प्रोसेसिंग कॉम्प्लेक्स’ को गांवों के नौजवानों को सफल उद्यमी बनने और गांव और क्लस्टर स्तर पर वैल्यू-एडेड प्रोसेसिंग के माध्यम से किसानों की आय को बढ़ाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि ‘प्लांट एक्लीमेटाइजेशन फैसिलिटी’ कृषि विश्वविद्यालय को किसानों को व्यापारिक टिश्यू कल्चर के माध्यम से तैयार किए गए उच्च गुणवत्ता वाली पौधों की सामग्री प्रदान करने के योग्य बनाएगा, जिससे राज्य के कृषि वातावरण को भी बढ़ावा मिलेगा।

इस दौरान विश्वविद्यालय के दौरे के दौरान वित्त मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान दी गई 20 करोड़ रुपये की पूंजी ग्रांट से चल रहे मरम्मत और बुनियादी ढांचे के विकास परियोजनाओं का भी निरीक्षण किया। इन परियोजनाओं में डॉ. एम.एस. रंधावा लाइब्रेरी में 4 करोड़ रुपये की लागत से एक आधुनिक एयर-कंडीशनिंग सिस्टम की स्थापना, लाइब्रेरी में बैठने और किताबें रखने वाले ढांचे का नवीनीकरण, लड़कों के हॉस्टल में 2.56 करोड़ रुपये से एक अतिरिक्त मंजिल का निर्माण, 1.43 करोड़ रुपये की ग्रांट से आधुनिक स्वास्थ्य उपकरणों की स्थापना के साथ जिम्नेजियम के नवीनीकरण सहित खेल सुविधाओं का नवीनीकरण शामिल है। उन्होंने विश्वविद्यालय के हॉस्टलों, स्पोर्ट्स म्यूजियम, स्विमिंग पूल, गेस्ट हाउस और आवासीय इलाकों का भी दौरा किया।

इस मौके पर वित्त मंत्री को डिजिटल और स्मार्ट एग्रीकल्चर में पंजाब को अग्रणी बनाने के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के महत्वाकांक्षी रोडमैप के बारे में भी जानकारी दी गई। इस पहल के तहत कृषि में उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) सुविधाओं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सहित उन्नत अनुसंधान बुनियादी ढांचे का लाभ उठाया जाएगा।

पंजाब सरकार से लगातार प्राप्त हो रहे सहयोग के लिए धन्यवाद करते हुए पीएयू के उप कुलपति डॉ. सतबीर सिंह गोसल ने विश्वविद्यालय के भौतिक, अनुसंधान और अकादमिक ढांचे को और मजबूत करने के लिए विशेष पूंजी ग्रांट के महत्व को उजागर किया। उन्होंने किसान समुदाय, विद्यार्थियों और उद्यमियों की सेवा के प्रति पीएयू की प्रतिबद्धता को भी दोहराया।

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के विकास के प्रति पंजाब सरकार के अटूट समर्थन को दोहराते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि निरंतर निवेश और रणनीतिक विकास पहल विश्वविद्यालय को अपने मिशन-आधारित परियोजनाओं को प्रभावी ढंग से चलाने के योग्य बनाएंगे। उन्होंने कहा कि इससे कृषि अनुसंधान और नवाचार के लिए राह प्रशस्त होगा, जिससे पंजाब के किसानों, विद्यार्थियों और कृषि उद्यमियों की अगली पीढ़ी को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।

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